किसी भी आदिवासी समुदाय की पहचान उसकी संस्कृति से होती है। और इन संस्कृतियों की पहचान उसके पर्व-त्यौहारों से होती हैं। झारखण्ड के आदिवासियों का सबसे बड़ा त्यौहार सरहुल है। ये एक ऐतिहासिक पर्व है तथ...
Read more »हे नम्रता के सागर! दीन दुखी की हीन कुटिया के निवासी, गंगा, यमुना और ब्रह्मपुत्र के जलों से सिंचित इस सुंदर देश में तुझे सब जगह खोजने में हमें मदद दे। हमें ग्रहणशीलता और खुला दिल दे; अपनी नम्रता दे;...
Read more »हमारी ज़मीन के नीचे की दुनिया के देवताओं ने जब-जब भेजा उन्हें वे नज़र आए हमारे बाज़ारों में सिर्फ नमक और मिट्टी का तेल खरीदने के वास्ते उन्हें चढ़ना आता था फुर्ती से ऐसे-ऐसे ऊंचे दरख़्तों पर जो ब...
Read more »खबर है कि जापान के वैज्ञानिक एक ऐसे रोबोट के विकास में लगे हैं, जो बूढ़े लोगों की उसी तरह मदद व सेवा करेगा जैसे एक इंसान करता है। वहां की बढ़ती हुई आबादी के लिए इसे वरदान बताया जा रहा है। विज...
Read more »आज किसान, खेती और गांव अभूतपूर्व संकट के दौर से गुजर रहे हैं। हरित क्रांति के साथ आए संकर बीजों की चमक अब फीकी पड़ने लगी है। अब किसान अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं। ज्यादा लागत और कम उपज ने उनकी ...
Read more »वह लड़ाई ईश्वर के खिलाफ लड़ाई है , जिसमें भाई भाई को मारता है । जो धर्म के नाम पर दुश्मनी पालता है, वह भगवान को अर्ध्य से वंचित करता है । जिस अंधेरे में भाई भाई को नहीं देख सकता , उस अंधेरे का अंधा...
Read more »नर्मदा नदी पर बन रहे देश के सबसे बड़े इंदिरा सागर बांध प्रभावित 3 जिलों खंडवा, हरदा और देवास में हजारों प्रभावितों द्वारा गत 10 दिनों से एक ऐतिहासिक सविनय अवज्ञा आन्दोलन चलाया जा रहा है. 1 सितम्बर स...
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मुख्यधारा
Friday, September 27, 20131comments

बुजुर्गों को ठुकराता आधुनिक समाज
Wednesday, September 25, 20130 comments

पालेकर की पाठशाला
Friday, September 13, 20130 comments

जे युद्धे भाई के मारे भाई
Friday, September 13, 2013 0 comments
